इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नगर आयुक्त नगर निगम शाहजहांपुर के चपरासी को बर्खास्त करने के आदेश को रद कर दिया और नियमित वेतन भुगतान के साथ बहाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने नये सिरे से जांच कार्यवाही करने की छूट देते हुए कहा है कि याची का बकाया वेतन जांच परिणाम पर निर्भर करेगा।

न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने हिमांशु सक्सेना की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगर आयुक्त से पूछा कि क्या जांच का स्थान, समय व तिथि तय की गई थी और मौखिक साक्ष्य लिए गए थे। नगर आयुक्त ने हलफनामा दाखिल कर स्वीकार किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। इस पर कोर्ट ने कहा कि कड़ा दंड देने से पहले जांच प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। जांच कार्यवाही की तिथि, समय व स्थान निश्चित कर मौखिक साक्ष्य लेकर निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। याची को निलंबित कर जांच की गई। उसे चार्जशीट दी गई थी। याची ने आपत्ति में अपनी सफाई दी थी, लेकिन बिना सुनवाई व मौखिक साक्ष्य लिए दोषी ठहरा दिया गया।