नगरीय निकायों में संपत्ति संबंधी प्रक्रियाओं के लिए अब शुल्क समान होगा। नगर विकास विभाग ने इसके लिए नगर निगम और नगर पालिका परिषद-नगर पंचायत (निर्धारण सूची में संशोधन और परिवर्तन) मानक उपविधि (बाइलाज)-2025 लागू कर दिए हैं। इसमें संपत्ति के क्षेत्रफल और मूल्य के आधार पर स्लैब वार शुल्क निर्धारित किए गए हैं।

अब तक नगरीय निकायों में संपत्ति के नामांतरण आदि के लिए असमान व्यवस्था लागू थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस असमानता को दूर कर एकरूपता लाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद नगर विकास विभाग द्वारा नई उपविधि (बाइलाज) तैयार किए। शुक्रवार को विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इसे लागू करने के संबंध में सभी निकायों को आदेश जारी किए हैं। प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों एवं नगर पालिका परिषदों नगर पंचायतों में किसी संपत्ति के हस्तांतरण-नामांतरण की प्रक्रिया एवं शुल्क आदि की व्यवस्था में भिन्नता के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ना था। इसके निदान के लिए शुल्क में एकरूपता लाई गई है।

नगर निगम के लिए कानूनी उत्तराधिकारी या पंजीकृत वसीयत पर दरें

संपत्ति का क्षेत्रफल

(वर्ग फिट)

प्रभार की राशि

(रुपये में)

संपत्ति का मूल्य प्रभार की राशि

(रुपये में)

1000 तक 1000 पांच से 10 लाख तक 1000
1001 से 2000 तक 2000 पांच से 10 लाख तक 2000
2001 से 3000 तक 3000 10 से 15 लाख तक 3000
3000 से अधिक पर 5000 15 से 50 लाख तक 5000
    50 लाख से अधिक 10000

नगर पालिका-नगर पंचायत के लिए कानूनी उत्तराधिकारी या पंजीकृत वसीयत पर दरें

संपत्ति का क्षेत्रफल

(वर्ग फिट)

प्रभार की राशि

(रुपये में)

संपत्ति का मूल्य प्रभार की राशि

(रुपये में)

1000 तक 500 पांच से 10 लाख तक

 

1000
1001 से 2000 तक 1000 पांच से 10 लाख तक

 

2000
2001 से 3000 तक 1500 10 से 15 लाख तक 3000
3000 से अधिक पर 2500 15 से 50 लाख तक 5000
    50 लाख से अधिक 10000

नोट-डीएम द्वारा नियत सर्किल रेट या पंजीकरण में धनराशि, जो भी अधिक होगी, उसके आधार पर दरें तय होंगी।