सार
विभागीय जांच में कर्मचारी बरी हो जाता है तो उससे वसूल की गई राशि ब्याज सहित लौटाई जाए। इस टिप्पणी संग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीपीआरओ के सात अप्रैल 2022 के वसूली आदेश को रद्द कर दिया।

विस्तार

विभागीय जांच में कर्मचारी बरी हो जाता है तो उससे वसूल की गई राशि ब्याज सहित लौटाई जाए। इस टिप्पणी संग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीपीआरओ के सात अप्रैल 2022 के वसूली आदेश को रद्द कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एकल पीठ ने सोनभद्र के पार्थ राज सिंह की याचिका पर दिया।
सोनभद्र के दुद्धी थाने के सुंदरी गांव में याची ग्राम विकास अधिकारी है। उस पर गांव में सीमेंटेड बेंच लगवाने के लिए की गई खरीद में लगभग 2,78,106 रुपये के गबन के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विभागीय जांच के दौरान डीपीआरओ के आदेश से उससे दो लाख 67 हजार रुपये वसूले गए। याची जब विभागीय जांच में बरी हो गया तो उसने वसूली गई राशि की मांग करते हुए याचिका दाखिल की।
अधिवक्ता विभु राय ने दलील दी कि विभागीय जांच में याची बरी हो गया है। ऐसे में वसूली गई राशि उसे लौटाई जाए। वहीं, शासकीय अधिवक्ता ने भी कोर्ट को बताया कि याची के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं। ऐसे में वसूल की गई राशि वह पाने का हकदार है। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद याची स्वीकार करते हुए वसूल की गई राशि आठ प्रतिशत ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया है।
WRIT – A No. – 19643 of 2024 at Allahabad : Parth Raj Singh Vs. State Of U.P. And 2 Others
Date of Decision – 28/4/2025
Court Number – 4
Judgment Type – Final Non AFR
Coram – Hon’ble Ajit Kumar,J.
Petitioner’s Counsels – Dhananjai Rai and Vibhu Rai
Respondent’s Counsel – C.S.C.

Click Here to Read/Download order