शासन ने अब सभी निजी अस्पतालों के लिए जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का पंजीकरण सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल पर करना अनिवार्य कर दिया है। निजी अस्पतालों को डिस्चार्ज के समय स्वजन को अनिवार्य रूप से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र देना होगा। इसका उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को पर्यवेक्षण एवं समीक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। सीआरएस के निदेशक व जनगणना कार्य के संयुक्त महारजिस्ट्रार शीतल वर्मा द्वारा नगर आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नगर निगम के सभी जोनल अधिकारियों को सीआरएस पोर्टल पर अस्पतालों को इनफार्मेंट आइडी जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है। 31 मार्च तक यह कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा। कुछ अस्पतालों को यह आइडी पहले जारी कर भी दी गई है, लेकिन वह समयबद्ध तरीके से प्रमाणपत्र जारी नहीं कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। अब सीआरएस पोर्टल से जारी होने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र पर क्यूआर कोड अनिवार्य होगा, जिससे प्रमाणपत्र की सत्यता आनलाइन जांची जा सकेगी। सीआरएस के निदेशक ने नगर निगम को रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) की यूजर प्रोफाइल में डिजिटल हस्ताक्षर अपलोड करने का निर्देश दिया है। यदि किसी व्यक्ति के पास हस्तलिखित या पुराना जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र है और वह क्यूआर कोड युक्त नया प्रमाणपत्र चाहता है, तो सीआरएस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके लिए अब एसडीएम के आदेश की आवश्यकता नहीं होगी।

शत-प्रतिशत पंजीकरण का लक्ष्य

जनगणना निदेशालय ने 2025 तक शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु पंजीकरण का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि सभी जोनल कार्यालयों में सीआरएस पोर्टल की सक्रिय लाग-इन आइडी बनवाएं और नियमित रूप से उपयोग सुनिश्चित करें।