इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक तलाकशुदा बेटी यह स्थापित नहीं कर पाती कि वह अपने पिता की मृत्यु से पहले उन पर निर्भर थी, अनुकंपा नियुक्ति की हकदार नहीं होगी। तलाकशुदा बेटी को अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते समय अधिकारियों के समक्ष तलाक के तथ्य को भी साबित करना होगा। यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर ने याची अख्तरी खातून की याचिका खारिज करते हुए पारित किया है।

याची के पिता पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में मैकेनिक थे और अंतिम पोस्टिंग कार्यपालक अभियंता, विद्युत वितरण चरण-2, मालवीय रोड, बस्ती के अधीन थी। याची ने शरीयत कानून के अनुसार तलाकनामा के माध्यम से पहली जनवरी 2008 को तलाक ले लिया था। तलाक के बाद याची अपने पिता के घर ग्राम तिलौली, पोस्ट सोहनाग, देवरिया चली गई थी और जनवरी 2008 से वहीं रह रही थी।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह अपने पिता की एकमात्र कानूनी उत्तराधिकारी है और तदनुसार, उसने दावा किया उनकी मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। पिता के सेवानिवृत्ति बकाये के लिए भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किया। याचिकाकर्ता ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए जिला न्यायाधीश, देवरिया का रुख किया और उसे वह प्रदान किया गया।

WRIT – A No. – 13833 of 2023 at Allahabad : Akhtari Khatoon Vs. State Of U.P. And 2 Others
Date of Decision 
– 2/4/2024
Court Number – 34
Judgment Type – Final AFR
Coram – Hon’ble J.J. Munir,J.
Petitioner’s Counsels – Balendra Deo Misra and Ram Ji Singh
Respondent’s Counsel – C.S.C. and Shrawan Kumar Tripathi

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